डिबाई दैनिक प्रभात संकलन -साभार दैनिक भास्कर से
मुगलसराय। अगर आपको देश में ही बनें मेड इन यू एस ए और मेड इन इटली पिस्तौल आसानी से चाहिऐ तो बिहार के मुंगेर जिले की तरफ रुख करें। जी हाँ प्रदेश की राजकीय रेलवे पुलिस ने पकड़ी है मेड इन यू एस ए और मेड इन इटली के मार्क की पिस्तौलें जो बनायी गयीं थी बिहार के मुंगेर जिले में।
पूर्वांचल के नक्सल प्रभावित चंदौली जिले के मुगलसराय रेलवे स्टेशन से पुलिस ने सपन घोष नामक व्यक्ति को धर दबोचा और उसके पास से बरामद की सात मेड इन यू एस ए और मेड इन इटली के मार्क की पिस्तौलें। इनमे से तीन नाइन एम् एम् की हैं और दो 32 बोर की पिस्तौलें हैंए जबकी बाकी दो रिवाल्वर हैं।
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले का रहने वाला सपन इन पिस्तौलों को बिहार से यूपी की औद्योगिक राजधानी कानपुर अपराधियों को सप्लाई करने के लिए ट्रेन से ले जाने की तैयारी में ही था की उसको जीआरपी ने स्टेशन के 3.4 नम्बर प्लेटफार्म के पश्चिमी ओवर ब्रिज से गिरफ्तार कर लिया।
पूर्वांचल के नक्सल प्रभावित चंदौली जिले के मुगलसराय रेलवे स्टेशन से पुलिस ने सपन घोष नामक व्यक्ति को धर दबोचा और उसके पास से बरामद की सात मेड इन यू एस ए और मेड इन इटली के मार्क की पिस्तौलें। इनमे से तीन नाइन एम् एम् की हैं और दो 32 बोर की पिस्तौलें हैंए जबकी बाकी दो रिवाल्वर हैं।
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले का रहने वाला सपन इन पिस्तौलों को बिहार से यूपी की औद्योगिक राजधानी कानपुर अपराधियों को सप्लाई करने के लिए ट्रेन से ले जाने की तैयारी में ही था की उसको जीआरपी ने स्टेशन के 3.4 नम्बर प्लेटफार्म के पश्चिमी ओवर ब्रिज से गिरफ्तार कर लिया।
इन पिस्तौलों को कानपुर में अपराधियों को 5ए000 से 8ए000 रुपयों के दामों पर सप्लाई किया जाना था और सपन बिहार से चल रहे अवैध असलहों की तस्करी के बड़े रैकेट एक छोटा सा करियर मात्र है। इन पिस्तौलों में एक पिस्तौल साईलैंसेर युक्त है और साथ ही पांच मैगजीन भी बरामद हुईं हैं।
मुगलसराय जीआरपी इंचार्ज रतन सिंह यादव ने बताया की यह पिस्तौलें बिहार से असलहा तस्करों द्वारा कानपूर के लिए भेजी जा रही थी। गिरफ्तार व्यक्ति को आर्म्स एक्ट के तहत निरुद्ध किया गया है।
बरामद पिस्तौलें कानपुर और अन्य जिलों में संगठित अपराध के क्षेत्र में उपयोग के लिए जा रही थी। अगर सूत्रों की माने तो मुंगेर में आर्डिनेंस फैक्ट्री को कई ठेकेदार आर्म्स सप्लाई करते हैं पर जो आर्म्स रिजेक्ट हो जातें हैं ये सभी तस्करों के रैकेट के माध्यम से यूपी व बिहार और अन्य समीपवर्ती राज्यों के अपराधियों को सप्लाई कर दिए जातें हैं। आश्चर्य की बात यह है की मुंगेर और कानपुर दोनों में ही आर्डिनेंस फैक्ट्री हैं।
बरामद पिस्तौलें कानपुर और अन्य जिलों में संगठित अपराध के क्षेत्र में उपयोग के लिए जा रही थी। अगर सूत्रों की माने तो मुंगेर में आर्डिनेंस फैक्ट्री को कई ठेकेदार आर्म्स सप्लाई करते हैं पर जो आर्म्स रिजेक्ट हो जातें हैं ये सभी तस्करों के रैकेट के माध्यम से यूपी व बिहार और अन्य समीपवर्ती राज्यों के अपराधियों को सप्लाई कर दिए जातें हैं। आश्चर्य की बात यह है की मुंगेर और कानपुर दोनों में ही आर्डिनेंस फैक्ट्री हैं।
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