नारी तन-मन गोद, गोद में जिनके खेले -
शादी कच्ची उम्र में, लाद रहे ड्रेस कोड ।
नए नए प्रतिबंध नित, नारी तन-मन गोद ।
नारी तन-मन गोद, गोद में जिनके खेले ।
कब्र रहे वे खोद, खड़े कर रहे झमेले ।
सृष्टि खड़ी भयभीत, मजे लेते प्रतिवादी ।
जहाँ तहाँ ले घेर, बनाते जबरन शादी ।।
होय पुरुष का जन्म, हाथ पर चला आरियाँ -
इक नारी को घेर लें, दानव दुष्ट विचार ।
शक्ति पुरुष की जो बढ़ी, अंड-बंड व्यवहार ।
अंड-बंड व्यवहार, करें संकल्प नारियां ।
होय पुरुष का जन्म, हाथ पर चला आरियाँ ।
काट रखे इक हाथ, बने नहिं अत्याचारी ।
कर पाए ना घात, पड़े भारी इक नारी ।।
तार-तार संसार, खार खा रहा नपुंसक
कामोत्तेजक सीनरी, द्रव्य, धूम्र सहकार।
भ्रष्ट-आचरण, स्वार्थ, दम, तार-तार संसार ।
तार-तार संसार, खार खा रहा नपुंसक ।
पाद रहा अंगार, हुआ जाता है हिंसक ।
नैतिक बंटाधार, थाम सकते तो थामो ।
डूबे देश-समाज, मरोगे सब नाकामो ।।
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2 Comments
बहुत बहुत आभार आदरणीय मित्र ||
ReplyDeleteरविकर जी सादर नमस्कार व आभार यहाँ आने के लिए ।
ReplyDeleteटिप्पणी करते समय अपनी भाषा का ख्याल रखें आपकी भाषा अभद्र न हो।