साभार नवभारत टाइम्स (संकलक -ज्ञानेश कुमार वार्ष्णेय डिबाई दैनिक प्रभात )
हैदराबाद।। हिन्दुस्तान और हिन्दुओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोपी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के विधायक
अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर दूसरी एफआईआर दर्ज कर ली गई
है। मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट ने वकील काशिमशेट्टी करुणासगर की याचिका पर
गुरुवार को उस्मानिया यूनिवर्सिटी पुलिस स्टेशन को ओवैसी के खिलाफ एफआईआर
दर्ज करने के आदेश दिए। बताया जा रहा है कि अकबरुद्दीन ओवैसी अदालत के आदेश
से पहले ही हेल्थ चेकअप के लिए लंदन चले गए हैं।
ओवैसी ने 24 दिसंबर 2012 को अदिलाबाद के निर्मल कस्बे में भड़काऊ भाषण
दिया था। 10 दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं
हुई थी। शिकायतकर्ता काशिमशेट्टी करुणासागर ने भाषण के विडियो फुटेज को
अदालत में बतौर सबूत पेश कर पुलिस को ओवैसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की
अपील की थी। मामला तूल पकड़ने के बाद आंध्र प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस
पार्टी की राज्य इकाई ने भी 10 दिन की चुप्पी को तोड़ते हुए ओवैसी के खिलाफ
मामला दर्ज करने और सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
इस बीच, करुणासागर ने अदालत को बताया कि जब से उन्होंने अकबरुद्दीन के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, तब से उन्हें फोन पर धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने अदालत से सीधे मामले की सुनवाई की मांग की थी। करुणासागर ने 28 दिसंबर को अकबरुद्दीन के खिलाफ आईपीसी की धारा-295ए और 153ए के तहत मामला दर्ज करने के लिए अदालत से गुहरा लगाई थी। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने भी दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने संसद मार्ग थाने में दी शिकायत में कहा कि अकबरुद्दीन का भाषण आपत्तिजनक और भड़काऊ है। लिहाजा, उसके खिलाफ धारा-153ए के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
इस बीच, करुणासागर ने अदालत को बताया कि जब से उन्होंने अकबरुद्दीन के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, तब से उन्हें फोन पर धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने अदालत से सीधे मामले की सुनवाई की मांग की थी। करुणासागर ने 28 दिसंबर को अकबरुद्दीन के खिलाफ आईपीसी की धारा-295ए और 153ए के तहत मामला दर्ज करने के लिए अदालत से गुहरा लगाई थी। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने भी दिल्ली में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने संसद मार्ग थाने में दी शिकायत में कहा कि अकबरुद्दीन का भाषण आपत्तिजनक और भड़काऊ है। लिहाजा, उसके खिलाफ धारा-153ए के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
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