हैदराबाद।।
हेट स्पीच के मामले में हैदराबाद के लोकल कोर्ट ने मजलिस-ए-इत्तेहादुल
मुसलमीन के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ याचिका स्वीकार कर ली है। के.
करुणासागर की याचिक पर अदालत कल फैसला करेगी कि अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ
वह सीधे मामले की सुनवाई करेगी या पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश
देगी।
अकबरुद्दीन कट्टरपंथी नेता और हैदराबाद के सांसद असादुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई हैं। आरोप
है कि 24 दिसंबर को आदिलाबाद में एक जलसे में अकबरुद्दीन ने खुलेआम
मुसलमानों को हिन्दुओं के खिलाफ उकसाया था। उनके इस भाषण की राजनीति
पार्टियों समेत कई मुस्लिम संगठनों और बुद्धिजीवियों ने भी निंदा की थी।
अपने भाषण में उन्होंने हिन्दू मंदिरों और प्रतीकों के प्रति आपत्तिजनक
टिप्पणी करते हुए कहा, 'अरे हिन्दुस्तान, हम पच्चीस करोड़ हैं न .. तुम सौ
करोड़ हो ना ..ठीक है .. 15 मिनट को पुलिस हटा लो बता देंगे किसमें हिम्मत
है और कौन ताकतवर है।
ओवैसी ने अपने भाषण में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मुंबई अटैक में फांसी पर चढ़ाए गए अजमल कसाब से कर दी थी। मोदी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा था, 'उस बच्चे अजमल कसाब को फांसी पर लटका दिया गया, ठीक है। उसने दो सौ बेकसूर लोगों की जान ली थी। लेकिन, गुजरात में दो हजार मुसलमानों की हत्या के गुनहगार नरेंद्र मोदी को फांसी क्यों नहीं दी? पाकिस्तानी अगर हिंदुस्तानियों को मारे तो फांसी, लेकिन हिंदुस्तानी हिंदुस्तानियों को मारे तो देश की गद्दी? अगर देश में इंसाफ है तो कसाब की तरह मोदी को भी ऐसी सजा दी जाए।'
ओवैसी ने अपने भाषण में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना मुंबई अटैक में फांसी पर चढ़ाए गए अजमल कसाब से कर दी थी। मोदी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा था, 'उस बच्चे अजमल कसाब को फांसी पर लटका दिया गया, ठीक है। उसने दो सौ बेकसूर लोगों की जान ली थी। लेकिन, गुजरात में दो हजार मुसलमानों की हत्या के गुनहगार नरेंद्र मोदी को फांसी क्यों नहीं दी? पाकिस्तानी अगर हिंदुस्तानियों को मारे तो फांसी, लेकिन हिंदुस्तानी हिंदुस्तानियों को मारे तो देश की गद्दी? अगर देश में इंसाफ है तो कसाब की तरह मोदी को भी ऐसी सजा दी जाए।'
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