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मकर संक्रान्ति पर्व की सीख हिन्दु होंवे संगठित तब होवे उद्धार

ओजस्वी वाणी संबाद- के.पी.सिंह कुसवाह
डिबाई - मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर  सरस्वती शिशु मंदिर में सोमवार की देर शाम एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के पद से बोलते हुये खुर्जा के अरविन्द जी पूर्व प्रचारक ने हिन्दुओं को सलाह दी कि यदि आपको देश में अपने मान सम्मान को जिन्दा रखना है तो आप अपनी आबादी बढ़ायें ।
      उन्हौंने बहुत से ऐसे उदाहरण दिये जिनमें हिन्दुओं का अपने ही देश में अपमान हुआ कारण सिर्फ यही रहा कि हिन्दू संगठित नहीं है । जाति बिरादरी में बटा हुआ है । आज के पर्व का महत्व यही है कि हम खिचड़ी की तरह एक हों ।
  उन्हौंने बताया कि 1925 में डा. हैडगेवार ने राष्टृीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हिन्दुओं को संगठित करने के उददेश्य से की थी ।
       यतीशचनद दरोगा जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और गिर्राज वार्ष्णेय ने सभी का आभार व्यक्त किया । उसके बाद खिचड़ी का सहभोज हुआ ।

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