ओजस्वी वाणी संवाद- के.पी.सिंह कुसवाह
डिबाई- नगर के मो0 हंसिया गंज में हजरत शाह जी मिया का उर्स पूर्व वर्षो की भांित हकीम हाकम अली खलीफा नोशवीं के जेरे इन्तजाम मुशायरे का आयोजन सोमवार की रात्री को किया गया। सदारत डा0 हसनैन जाफरी व संचालन निजामुदद्ीन निजामी ने किया। मुशायरा नाते पाक से शुरू हुआ और शायरो नें अपने अपने कलाम पढें। डा0 जाफरी ने कहा कि यू ंतो 786 लिखा है मकान पर, ये भी तेरा करम है मोहब्बत है प्यार है ,बजीर अली रहमानी दर्द ने कहा-तड़पता हूॅ मैं इधर वो उधर वे करार है,इक तीर इशक का है जो दो दिल के पार है,इकबाल अहमद वारसी ने कहा मुझ पे तुम्हारे इश्क का छाया खुमार है,मैं लिख के दे रहा हॅू मुझें तुम से प्यार है । इस मौके पर शायर अनवर देहलवी,हाजी अब्दुल रउफ हमदम,हाजी नईम,हाफिज तसदीक अहमद,मोै0ताहीर खान,इशरार,मा0 यामीन,असगर अली,हाफिज तशदीक अहमद ने अपने अपने कलाम पढ़कर उपस्थित सैकड़ों व्यक्तियों के मन मोह लिये।
डिबाई- नगर के मो0 हंसिया गंज में हजरत शाह जी मिया का उर्स पूर्व वर्षो की भांित हकीम हाकम अली खलीफा नोशवीं के जेरे इन्तजाम मुशायरे का आयोजन सोमवार की रात्री को किया गया। सदारत डा0 हसनैन जाफरी व संचालन निजामुदद्ीन निजामी ने किया। मुशायरा नाते पाक से शुरू हुआ और शायरो नें अपने अपने कलाम पढें। डा0 जाफरी ने कहा कि यू ंतो 786 लिखा है मकान पर, ये भी तेरा करम है मोहब्बत है प्यार है ,बजीर अली रहमानी दर्द ने कहा-तड़पता हूॅ मैं इधर वो उधर वे करार है,इक तीर इशक का है जो दो दिल के पार है,इकबाल अहमद वारसी ने कहा मुझ पे तुम्हारे इश्क का छाया खुमार है,मैं लिख के दे रहा हॅू मुझें तुम से प्यार है । इस मौके पर शायर अनवर देहलवी,हाजी अब्दुल रउफ हमदम,हाजी नईम,हाफिज तसदीक अहमद,मोै0ताहीर खान,इशरार,मा0 यामीन,असगर अली,हाफिज तशदीक अहमद ने अपने अपने कलाम पढ़कर उपस्थित सैकड़ों व्यक्तियों के मन मोह लिये।
0 Comments
टिप्पणी करते समय अपनी भाषा का ख्याल रखें आपकी भाषा अभद्र न हो।