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आत्मा भगवान का अंश है। इस पर विचार करने की जरूरत है।




ओजस्वी वाणी वेव समाचार संबाद के.पी.सिंह कुसबाह
गढ़मुक्तेश्वर से आये महात्मा आशानन्दजी ने कहा कि आत्मा ही परमात्मा का स्वरूप है हमारी हर एक श्वास में भगवान का जप होना चाहिए आत्मा परमात्मा के रहस्य को जानना चाहिए ंहंालाकि यह कठिन काम है हमारे ऋशिमुनि इसे जानने के लिए कठोरतम तपस्या करते है। इसके बाद भी रहस्य समझ नही पाते लेकिन हमें परमात्मा की बनाई सृश्टि से प्यार अवश्य करना चाहिए उसी में भगवान के दर्शन आपको मिलेगें।

बुलन्दशहर से आये महात्मा प्रवेशानन्द जी ने कहा कि राम नाम के जप से मानव जीवन का उद्धार हो जाता हैं हमें इस जप को हमेंशा करते रहना चाहिए।

डिबाई आश्रम की गायत्री बाई ने कहा कि आप लोगों ने कलश यात्रा में जो सहयोग किया आप सभी धन्यवाद के पात्र हैं गुरू के बिना ज्ञान नहीं मिलता हमें गुरू से ज्ञान सिखने के लिए उद्यत रहना चाहिए एवं अच्छे साहित्य का अध्ययन करना चाहिए जिससे मानव जीवन की बुराईयॉ के पुतले को सही दिशा का ज्ञान हो सके और ईश्वर उस पर कृपा करें।

कार्यक्रम का शुभारम्भ सत्यनरायन माहेश्वरी,तेजपाल पंडाजी,होड़िलसिंह आर्य,और रामवीर शर्मा के द्वारा सतपाल महाराज के चित्र पर पुश्प अर्पित करने के साथ प्रारम्भ किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रान्तपाल वीरसिंह,जिला संयोजक शिशुपालसिंह,स्वंय सेवक गजेन्द्र राणा,विजेन्द्र सिंह,पन्ना लाल,श्रीपाल,भगवानसिंह,बीना देवी,हितेश कुमारी,विमलेश देवी,राधा रामवती,रूपवती,जगवीर आदि ने सहयोग किया। वर्दी धारी स्वंय सेवको ने व्यवस्था सम्भाले रखी।

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