ओजस्वी वाणी वेव समाचार संवाद के.पी.सिंह कुसवाह
डिबाई। गांव देहात में पुराने समय से चली आ रही परमपरा को नगर डिबाई के सभी लोगों ने एक जुटता दिखाते हुए बूढ़े बाबू की दौज मनायी। और डिबाई के मौ0 चौधरी खेल से बूढ़े बाबू की सवारी बैन्ड बाजों के साथ शुरू की गयी और महादेव में स्थित बूढ़े बाबू के मंदिर पर समाप्त हुई। वर्षों पुरानी परम्परा के अनुसार यह माना जाता है कि बूढ़े बाबू की प्रजापतियों के यहॉ मिट्टी के बर्तन बनाने वाले चाक का पूजन करने से शरीर स्वस्थ व निरोग रहता है। शोभा यात्रा में सन्तोष कुमार,रामगोपाल,डा0सतीश,सोनपालसिंह,सुरेश चन्द,बब्ली चन्द्रपाल,राजपाल,किशनपाल,रमेश चन्द ठाकुर,छाकुर जी,चन्द्रसैन,शंकर लाल आदि साथ रहें।
डिबाई। गांव देहात में पुराने समय से चली आ रही परमपरा को नगर डिबाई के सभी लोगों ने एक जुटता दिखाते हुए बूढ़े बाबू की दौज मनायी। और डिबाई के मौ0 चौधरी खेल से बूढ़े बाबू की सवारी बैन्ड बाजों के साथ शुरू की गयी और महादेव में स्थित बूढ़े बाबू के मंदिर पर समाप्त हुई। वर्षों पुरानी परम्परा के अनुसार यह माना जाता है कि बूढ़े बाबू की प्रजापतियों के यहॉ मिट्टी के बर्तन बनाने वाले चाक का पूजन करने से शरीर स्वस्थ व निरोग रहता है। शोभा यात्रा में सन्तोष कुमार,रामगोपाल,डा0सतीश,सोनपालसिंह,सुरेश चन्द,बब्ली चन्द्रपाल,राजपाल,किशनपाल,रमेश चन्द ठाकुर,छाकुर जी,चन्द्रसैन,शंकर लाल आदि साथ रहें।
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