पिछले कुछ दिनों से रेप और गेंगरेप पर जारी ऊलजलूल बयानबाजी की कड़ी में तब शरद यादव का भी नाम जुड़ गया जब उन्होंने कहा कि लोग इस छोटी सी बात को नहीं समझ पा रहे कि सेक्स की इच्छा नैचरल है। जैसे हम खाते हैं, पीते हैं, सांस लेते हैं वैसे ही यह भी है। हर नौजवान को 15 दिन में एक बार इस चीज की भी जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि जो लोग ब्रह्मचर्य की बात करते हैं वह तो पाखंड के अलावा और कुछ नहीं है।
हालांकि इस बयान पर विवाद होने के बाद शरद यादव ने सफाई भी दी। उन्होंने अपने पिछले बयान से इनकार करते हुए उसी बात को दूसरे शब्दों में पेश कर दिया। बकौल यादव उन्होंने सेक्स की इच्छा की बात कभी नहीं की, हां यह जरूर कहा कि शरीर की अपनी जरूरतें होती हैं, लेकिन वह बात दिल्ली गैंगरेप के संदर्भ में बिल्कुल नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि उस समय वह एक बहस में शामिल थे, उस बहस में उन्होंने वह बात कही थी और उनकी बात को बहस के संदर्भ से हटाकर नहीं देखना चाहिए।
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